नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Coronavirus) से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है, यह तो हम सभी जानते हैं. लेकिन जब ये महामारी शुरू हुई है एक सवाल जो अधिकतर लोगों के मन में है और जिसे लेकर कई बार कन्फ्यूजन होती है, वो ये है कि- क्या एक्सरसाइज या वर्कआउट करते वक्त या रनिंग करते वक्त मास्क (Face Mask) लगाना सेफ है? वैसे तो इस बारे में बहुत सी डॉक्टरों की यही राय है कि एक्सरसाइज (Exercise) करते वक्त मास्क नहीं लगाना चाहिए, लेकिन एक नई रिसर्च का दावा है कि वर्कआउट के दौरान मास्क पहनने में कोई बुराई नहीं है.
मास्क पहनकर एक्सरसाइज करना है सेफ
इस नई स्टडी का सुझाव है कि अगर आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं तो आप फेस मास्क पहनकर भी इंटेन्स वर्कआउट (Intense Workout) और एक्सरसाइज कर सकते हैं और ऐसा करना पूरी तरह सेफ भी है. शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर मास्क पहनकर एक्सरसाइज की जाए तो इंडोर जिम (Indoor Gym) के अंदर कोविड-19 फैलने के जोखिम को कम किया जा सकता है. इस स्टडी के नतीजों को यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित किया गया.
सेहत से जुड़ी कोई समस्या सामने नहीं आयी
इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 12 लोगों के एक ग्रुप का चुनाव किया और इन लोगों की ब्रीदिंग, हार्ट एक्टिविटी और एक्सरसाइज परफॉर्मेंस की जांच की जब वे एक्सरसाइज बाइक पर मास्क के साथ और मास्क के बिना वर्कआउट कर रहे थे. हालांकि मास्क पहनकर एक्सरसाइज करने और बिना मास्क के एक्सरसाइज करने के बीच कुछ पैमाने में फर्क जरूर आया लेकिन शोधकर्ताओं की मानें तो कोई भी नतीजा ऐसा नहीं था जो सेहत से जुड़ी किसी समस्या की ओर इशारा करता हो. स्टडी के ये नतीजे बताते हैं कि इंटेन्स एक्सरसाइज के दौरान भी मास्क पहनना सुरक्षित है और ऐसा करके जिम आने वाले लोगों के बीच कोविड-19 को फैलने से रोका जा सकता है.
मास्क पहनने से जिम में वायरस के ट्रांसमिशन को रोका जा सकता है
इटली के मिलान स्थित IRCCS की डॉ एलिसाबेट सैल्विओनि और उनकी टीम ने इस रिसर्च को किया. डॉ सैल्विओनि कहती हैं, 'ये तो हम जानते हैं कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से सांस के जरिए शरीर से बाहर आने वाली दूषित बूंदों के जरिए फैलता है. लिहाजा इस बात की आशंका अधिक है कि एक्सरसाइज करते वक्त जब हम तेजी से सांस लेते हैं उस दौरान वायरस का ट्रांसमिशन अधिक हो खासकर किसी बंद या इंडोर जगह पर. हालांकि हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि मास्क पहनकर एक्सरसाइज करना सभी लोगों के लिए सुरक्षित है. हार्ट और लंग्स की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए यह सेफ है या नहीं, इस बारे में और अधिक रिसर्च की जरूरत है.'