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हरिद्वार महाकुंभ 2021: अंतिम शाही स्नान में दिखा कोरोना का असर, बेहद कम संख्या में पहुंचे श्रद्धालु




हरिद्वार, अप्रैल 27: कोरोना वायरस महामारी का असर कुंभ मेले में साफ देखने को मिला है। दरअसल, आज यानी 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा पर सुबह चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में स्नान शुरू हो गया था। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से बेहद कम संख्य में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे। तो वहीं, अखाड़ों के साधु संतों ने सीमित संख्या में भाग लिया। इस दौरान बैंड बाजों के साथ पारंपरिक पेशवाई और शोभायात्रा भी नहीं निकली गई। यही नहीं, साधु-संतों इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन भी किया।

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प्राप्त समाचार के मुताबिक, 27 अप्रैल की सुबह 9 बजकर 30 मिनट से अखाड़ों का स्नान क्रम शुरू हुआ। सबसे पहले पंचायती अखाड़ा और उसके बाद निरंजनी अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया। बता दें कि जूना अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महानिर्वाणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि अंतिम शाही स्नान को सभी संन्यासी अखाड़े प्रतीकात्मक रूप से करेंगे। संतों और वाहनों की संख्या भी बेहद सीमित रहेगी। वहीं, इस बार आमजन को अखाड़ों के साथ स्नान की अनुमति नहीं है।

डबल मास्क और फेस शील्ड लगा कर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी

आईजी कुंभ के निर्देश के बाद आज सभी पुलिसकर्मी फेस शील्ड और डबल मास्क लगा कर ड्यूटी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट के हवा से भी फैलने के बारे में सुना गया है, इसलिए ड्यूटी के दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है। भीड़ के इस बार कम आने की संभावना है। इसलिए स्थानीय लोगों पर अनावश्यक रूप से कोई प्रतिबंध न लगाया जाए।




अधिकतम 100 साधु-संत रहेंगे मौजूद

कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि इस बार पेशवाई में संतों की संख्या कम होगी। अखाड़ों के पदाधिकारियों से शाही स्नान को प्रतीकात्मक रूप से करने की अपील की गई है। कहा कि इस दौरान अधिकतम 100 साधु-संत ही मौजूद रहेंगे। वहीं, बैरागी और संन्यासी अखाड़ों के संतों ने आश्वासन दिया है कि सीमित संख्या में संत स्नान करेंगे। साधु-संतों से कोरोना नियमों का पालन करने की भी अपील की गई है।