मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने मंगलवार देर रात अपनी नई कार्यसमिति घोषित कर दी। पहले इसको वर्ग और जाति के आधार पर जारी करना और बाद में बदला जाना दिखाता है कि सूची जारी करने में काफी जल्द बाजी की गई है। इसकी वजह, भाजपा सिंधिया के दबाव से बचना चाह रही थी, इसलिए उनके आने से पहले ही सूची को जल्दबाजी में जारी किया गया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा बुधवार से शुरू होना है। इसमें मुख्यमंत्री सहित पार्टी और संघ के कई पदाधिकारियों से मुलाकात का कार्यक्रम है। यह माना जा रहा था कि इस दौरे में ही कार्यसमिति के पदाधिकारियों के नाम तय होंगे। सिंधिया अपने कई समर्थकों को इसमें शामिल करवाना चाह रहे थे किन्तु पार्टी संगठन उनके ज्यादा लोगों को लेने के पक्ष में नहीं था। इसी वजह से यह तय हुआ था कि सिंधिया के भोपाल में दौरे के दौरान उनके समर्थकों के बारे में अंतिम फैसला लिया जायेगा किन्तु वी डी शर्मा ने इससे बिल्कुल उलट दौरे से पहले ही इसको अंतिम रूप देने पर अडे हुए थे। वे सिंधिया के किसी भी तरह के दबाव को मानने को तैयार नहीं थे।
पार्टी संगठन का मानना था कि सिंधिया के भोपाल दौरे के बाद पदाधिकारियों की सूची में बदलाव के लिए दबाव बढ़ सकता है, इससे अच्छा है कि पहले ही जारी कर दी जाये। यही वजह है कि सिंधिया के भोपाल आने के कुछ घंटो पहले ही मंगलवार रात बारह बजे पदाधिकारियों की सूची जारी कर दी।
प्रदेश कार्यसमिति के पदाधिकारियों की इस सूची में कुछ सिंधिया समर्थकों को शामिल किया गया है। सिंधिया अपने और भी समर्थकों को इसमें शामिल करवाने के लिए दबाव बना रहे थे। सिंधिया समर्थकों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि पदाधिकारियों की जो सूची जारी की गई है उसमें सिंधिया का नाम काफी नीचे रखा गया है।