नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ता पेट्रोल और डीजल की अनियंत्रित बढ़ती कीमतों को वापस लेने की मांग व मंहगाई के अतिरिक्त बोझ के खिलाफ शुक्रवार को दिल्ली के पेट्रोल पम्पों पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली कांग्रेस के अनुसार, संक्रमण काल में आपदा को अवसर बनाकर केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगातार बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों पर नियंत्रण करने की बजाय दोनो सरकारें भारी भरकम टैक्स वसूलकर लोगों की जेब पर डाका डाल रही है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी जी के निर्देशानुसार सरकार के विरोध में पेट्रोल डीजल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि करने के लिए पेट्रोल पम्पों के सामने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किय जाएगा। केन्द्र और दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता के कारण पेट्रोल के दाम सेन्चुरी लगाने को तैयार है मोदी की गलत नीतियों की वजह से पेट्रोल 100 रुपये के पास पहुंच रहा है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार को इस मसले पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, केजरीवाल सरकार ने 6 वर्षों में पेट्रोल डीजल पर 25000 करोड़ रुपये के टैक्स के रुप में वसूले हैं और मोदी सरकार ने लगभग 7 वर्षों में 20.56 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रुप में वसूले है।"
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख ने शीला दीक्षित सरकार को याद करते हुए कहा कि, 2013 में दिल्ली में पेट्रोल पर 20 प्रतिशत तथा डीजल पर 12.5 प्रतिशत वैट टैक्स वसूला जाता था जिसे केजरीवाल सरकार ने भाजपा के साथ मिलकर 2015 में पेट्रोल पर वैट 30 प्रतिशत तथा डीजल पर 16.75 प्रतिशत कर दिया।