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चीन ने लद्दाख बॉर्डर पर तैनात किए 50 हजार सैनिक, ऐक्शन में आई भारतीय सेना



पेइचिंग। लद्दाख में जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बैठकों की दौर के बीच चीन ने बॉर्डर पर सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। यही कारण है कि भारत को भी मिरर डिप्लॉयमेंट पॉलिसी के तहत 50 हजार जवानों को तैनात करना पड़ा। भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की इस तैनाती को दशक का सबसे बड़ा सैन्य तनाव बताया जा रहा है। पिछले साल जून मे गलवान हिंसा के बाद से दोनों देशों की सेनाएं पूरी तैयारी के साथ सीमा पर डटी हुई हैं।

पिछले साल से 15 हजार ज्यादा चीनी सैनिक
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने गलवान हिंसा के दौरान तैनात सैनिकों की संख्या से 15 हजार ज्यादा जवानों को इस बार तैनात किया हुआ है। भारतीय खुफिया और सैन्य अधिकारियों के अनुसार, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पिछले कुछ महीनों में धीरे-धीरे अपनी सेना की उपस्थिति को बढ़ाकर 50 हजार से ज्यादा कर दिया है।

दोनों देशों ने सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढाचों को बनाया
दोनों देशों ने तनाव के बीच सीमाई इलाके में काफी ज्यादा बुनियादी ढाचों को विकसित किया है। इसमें सर्दियों के दौरान सैनिकों के रहने के लिए इन्सुलेटेड केबिन और टेंट शामिल हैं। भारत और चीन के बीच अधिकांश सैन्य निर्माण पूर्वी लद्दाख में किया गया है। यहां गोगरा-हॉटस्प्रिंग, डेपसांग और डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं अब भी आमने-सामने तैनात हैं।

सीमा पर दोनों देश कर रहे हथियारों की तैनाती
यही कारण है कि चीन की संदिग्ध हरकतों को देखकर भारत ने भी सीमा पर नए नए हथियारों की तैनाती शुरू कर दी है। भारतीय सेना लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में चीन से निपटने के लिए के-9 वज्र हॉवित्जर को तैनात किया हुआ है। इसके अलावा टी-90 भीष्म, पिनाका रॉकेट, राफेल, अपाचे, चिनूक जैसे घातक हथियारों को भी बॉर्डर इलाके में रखा गया है। भारतीय सेना रूस में बने लाइटवेट Sprut-SD टैंक को खरीदने पर विचार कर रही है। इतना ही नहीं, इजरायल से खरीदे गए चार हेरोन टीपी ड्रोन को भी एलएसी से एलओसी तक की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा।

चीन के खिलाफ भी ‘ऑफेंसिव डिफेंस’ स्ट्रैटिजी
भारत ने चीन के खिलाफ ऑफेंसिव डिफेंस रणनीति को अपनाया हुआ है। यही कारण है कि लद्दाख में भारतीय सेना ने भी जवानों और हथियारों की भारी तैनाती की हुई है। भारत ने पहले सीमा पर चीनी अतिक्रमण रोकने के लिए सैनिक तैनात कर रखे थे, लेकिन अब दल-बल में भारी वृद्धि करके जवाबी हमला करने और चीनी सीमा में प्रवेश करने की क्षमता भी हासिल कर ली है।