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GST कलेक्शन पर दिखा कोरोना की दूसरी लहर का बुरा असर, अनुमान से कम रहे आंकड़े



देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था काफी बिगड़ गई है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था में पहले से काफी सुधार देखने को मिला था। इस बात का अंदाजा साल के तीसरे महीने में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन के आंकड़ों से लगाया जा सकता था। उस समय जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर का बुरा असर GST कलेक्शन के आंकड़े पर साफ़ नजर आरहा है।

आठ महीने के बाद GST कलेक्शन :

दरअसल, देश में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर आतंक मचाया था, जिसके चलते लगभग पूरा भारत एक बार फिर लॉक करना पड़ गया था , इसका बुरा असर अब वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन में देखने को मिल रहा है। लगातार आठ महीने के बाद सामने आए GST कलेक्शन एक लाख करोड़ से भी कम रहा है। यदि सही आंकड़े देखे तो, केंद्र सरकार के मंगलवार को जारी किए गए तजा आंकड़ों के अनुसार, जून में GST कलेक्शन 92,847 करोड़ रुपये रहा है। जो कि, पिछले दस महीनों में सबसे कम रहा है। बता दें, यह अनुसान 1 लाख करोड़ रुपए के पार रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि, पिछले साल अगस्त में GST कलेक्शन 86,449 करोड़ रुपये रहा था।

GST कलेक्शन के भाग :

यह कहना गलत नहीं होगा कि, यह कोरोना की दूसरी लहर का ही बुरा असर है जो, अर्थव्यवस्था पर नजर आरहा है। इसी के तहत GST कलेक्शन भी घट गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में मुताबिक, जून में GST कलेक्शन 92,849 करोड़ रुपये रहा। जिसमें' CGST से 16,424 करोड़, SGST (राज्य GST) से 20,397 करोड़ और एकीकृत (Integrated) GST से 49,079 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है। इसके अलावा सेस से 6,949 करोड़ कलेक्ट हुए हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि, 'GST कलेक्शन जून 2020 की तुलना में इस साल के जून में 2% अधिक रहा है।'

कलेक्शन में बढ़त दर्ज होने का कारण :

बताते चलें, GST कलेक्शन में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का हिस्सा शामिल होता है। GST कलेक्शन में बढ़त दर्ज होने के निम्नलिखित कारणों से दर्ज की जाती है।


फर्जी बिलों पर नजर रखना


डाटा का गहराई से विश्लेषण


ढेर सारे सोर्स से डाटा का उपयोग जिसमें GST


आईटी और कस्टम आईटी सिस्टम शामिल