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MPPSC भर्ती प्रक्रिया में 27 % OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक फिर अब क्या होगा पढिए यह खबर

MPPSC भर्ती प्रक्रिया में 27 % OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।





हाईकोर्ट ने कहा भर्ती प्रक्रिया में 14 प्रतिशत आरक्षण ही लागू रहेगा।



कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को निर्धारित की है।



जबलपुर|मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है, कि MPPSC भर्ती प्रक्रिया में 14 प्रतिशत आरक्षण ही लागू रहेगा,पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था, कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने से कुल आरक्षण 63 प्रतिशत हो जाएगा, जो असंवैधानिक है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस एम एस भट्टी की युगलपीठ ने ओबीसी वर्ग को पूर्व अनुसार 14 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्देश जारी किए हैं। युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर याचिका पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को निर्धारित की है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस एम एस भटटी की युगलपीठ ने ओबीसी वर्ग को पूर्व अनुसार 14 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्देश जारी किए हैं। युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर याचिका पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को निर्धारित की है।

बैतूल निवासी निहारिका त्रिपाठी की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था, कि वह पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा में शामिल हुई थी। जिसका रिजल्ट 31 दिसंबर 2021 को जारी किया गया था। पीएससी द्वारा रिजल्ट घोषित करने में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। मध्य प्रदेश लोक सेवा जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण घोषित अधिनियम 2019 के तहत सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 14 अगस्त 2021 को प्रकाशित नोटिफिकेशन के आधार पर ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जिसके कारण कुल आरक्षण का प्रतिशत 63 प्रतिशत हो गया है।

याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने इंदिरा साहनी के प्रकरण में स्पष्ट आदेश दिए हैं कि कुल आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण को भी अवैधानिक करार दिया था। मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाएं लंबित हैं। हाईकोर्ट ने पूर्व में भी ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत देने पर स्थगन जारी कर रखा है। इसके बावजूद भी ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देते हुए मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया है। याचिका में सामान्य प्रशासन विभाग व पीएससी को अनावेदक बनाया गया है।


याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि ओबीसी वर्ग को पूर्व अनुसार 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए युगलपीठ ने उक्त याचिका की सुनवाई ओबीसी आरक्षण से संबंधित याचिकाओं के साथ करने के निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।