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रिकार्ड दुरूस्ती के लिए नागरिकों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे पटवारियों के चक्कर जिले में शुरू हुई अभिनव पहल

 जबलपुर जिले में शुरू हुई अभिनव पहल



राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों को दर्ज करने जिले में हर शनिवार को लगेंगे तहसीलों में विशेष शिविर।



रिकार्ड दुरूस्ती के लिए नागरिकों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे पटवारियों के चक्कर


जबलपुर |राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों को भू-अभिलेखों में दर्ज करने जिले में अभिनव पहल शुरू की गई है। इसके तहत प्रत्येक शनिवार को राजस्व अभिलेखों के अद्यतीकरण के लिए तहसील कार्यालयों में विशेष शिविर लगाये जायेंगे। राजस्व अभिलेखों के अद्यतीकरण के लिए शिविरों के आयोजन का सिलसिला गत शनिवार से ही प्रारंभ हो गया है। इस दिन सभी तहसील कार्यालयों में लगाये गये आदेश अनुपालन शिविरों में राजस्व न्यायालयों द्वारा नामांतरण एवं बंटवारा के प्रकरणों में 1 हजार 640 आदेशों को रिकार्ड में दर्ज किया गया है।


संभवत: प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जहां राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों को अमल दर्ज करने विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों के आयोजन की पहल कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा की गई है। इसका मकसद राजस्व अदालतों द्वारा पारित आदेश को रिकार्ड में दर्ज करने एवं रिकार्ड दुरूस्तीकरण के कार्य में होने वाले अनावश्यक विलंब और इससे आवेदकों को होने वाली परेशानियों से बचाना है। आदेशों को रिकार्ड में दर्ज कराने आवेदकों को पटवारियों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।



अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह के अनुसार कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा द्वारा राजस्व न्यायालयों के पारित आदेशों में समय से अमल की कार्यवाही न होने के कारण जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुये जिले में प्रत्येक शनिवार को अमल दर्ज दिवस मनाने तथा सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सभी तहसील कार्यालयों में रिकार्ड दुरूस्ती के लिए आदेश अनुपालन शिविरों के आयोजन के निर्देश दिये गये हैं। आदेश अनुपालन शिविरों में राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों एवं उनके रीडर, तहसील के सभी राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी मौजूद रहेंगे तथा दायरा पंजी, आरसीएमएस एवं बेब जीआईएस पोर्टल से राजस्व अभिलेखों का मिलान कर पारित आदेशों को खसरा एवं बी-1 में अमल दर्ज करने की कार्यवाही करेंगे।


 

अपर कलेक्टर ने बताया कि कलेक्टर इलैयाराजा टी के निर्देशानुसार राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के अद्यतन नहीं होने एवं अमल करने में आ रही समस्याओं का स्पष्ट प्रतिवेदन देने की हिदायत भी दी गई है। इसके साथ ही आदेशों पर अमल दर्ज करने में हुए विलंब के कारण भी राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर बताने होंगे। राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों पर अमल दर्ज करने यदि राजस्व निरीक्षक या पटवारी की ओर से कमियां या अनियमितता पाई जाती है तो इसकी रिपोर्ट भी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को प्रस्तुत करने कहा गया है।


 

अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह ने बताया कि कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा के निर्देश पर बीते शनिवार 7 मई को तहसील कार्यालयों में आयोजित आदेश अनुपालन शिविरों में आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज प्रकरण तथा एक-दो वर्ष पुराने आदेशों में अमल दर्ज किया गया है। एक ही दिन में 1640 आदेशों पर राजस्व रिकार्ड में अमल दर्ज किया गया है। 

 उन्होंने बताया कि बीते शनिवार को आयोजित आदेश अनुपालन शिविरों में राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों को राजस्व रिकार्डों में अद्यतन करने में पाटन तहसील 319 आदेशों में से 303 पर अमल दर्ज कर जिले में पहले स्थान पर रही है। वहीं जबलपुर तहसील इस मामले में 86 में से 74 आदेशों पर अमल दर्ज कर अंतिम स्थान पर रही। अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह ने बताया कि कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा के राजस्व न्यायालय के आदेशों को रिकार्ड में समय पर अमल दर्ज करने के निर्देशानुसार तहसील अधारताल द्वारा अमल दर्ज करने के लिए पटवारी वार रजिस्टर का संधारण किया जा रहा है। प्रकरण में आदेश पारित होते ही प्रकरण क्रमांक एवं आदेश दिनांक लिखा जाता है एवं सात दिवस में पटवारी को अमल दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि अधारताल तहसील में की गई रिकार्ड मॉनिटरिंग की इस व्यवस्था की कलेक्टर द्वारा प्रशंसा की गई है। अमल दर्ज करने की प्रक्रिया के तहत तहसील अधारताल में वर्ष 2015 का राजस्व मंडल द्वारा पारित निर्णय पर भी अमल कराया गया। जिससे चार लोगों को आदेश होने के सात वर्षों के उपरांत वास्तविक न्याय मिल पाया।