रिपोर्ट:
शराब के नाम पर जबलपुर में लूट मची है। हर गली-मोहल्ले में शराब दुकानों पर एमआरपी से ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं, और ये सब कुछ हो रहा है सरकारी विभाग की चुप्पी और मिलीभगत से।
एडवोकेट दीपांशु साहू ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। याचिका में साफ कहा गया है कि शराब दुकानों पर न कोई रेट लिस्ट लगी होती है, न बिल दिया जाता है।
यहाँ तक कि शिकायत करने पर भी कार्रवाई की जगह शराब ठेकेदारों से "माफीनामा" लेकर मामले को दबा दिया जाता है। हाईकोर्ट ने इस मामले में आबकारी आयुक्त, जिला कलेक्टर और अन्य जिम्मेदार अफसरों को नोटिस जारी किया है।
आखिर सवाल यही है – क्या जनता को लूटने वालों पर अब भी कार्रवाई होगी या सरकार यूं ही आंख मूंदे रहेगी?