राजनीति और अपराध का गठजोड़ कोई नया नहीं, पर जब भाजपा जैसे सत्तारूढ़ दल का एक पदाधिकारी प्रेम प्रसंग में हत्या का आरोपी निकले, तो मामला साधारण नहीं रह जाता।
दुर्गेश तिवारी की गिरफ्तारी से भाजपा युवा मोर्चा की छवि को गहरी चोट लगी है। जिस प्रकार हत्या के बाद मिठाई बांटी गई और सत्ता से जुड़े चेहरे घटनास्थल पर दिखे, उससे संकेत मिलता है कि मामला केवल व्यक्तिगत नहीं, राजनीतिक सरंक्षण की परछाईं में पलता रहा।
अब संगठन पर दबाव है कि वह दोषी से खुद को अलग करे, अन्यथा यह मामला भाजपा की युवा नीति की साख पर स्थायी दाग बन सकता है।