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कर्मचारियों की छंटनी नहीं करेगी विस्तारा, सीईओ ने कहा, सितंबर के अंत तक दैनिक उड़ानें बढ़ाएंगे


नई दिल्ली: विमानन कंपनी विस्तारा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) लेस्ली थेंग ने कहा है कि मांग के धीरे-धीरे पटरी पर लौटने के साथ एयरलाइन माह के अंत तक दैनिक उड़ानों की संख्या 80 से बढ़ाकर 100 करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद कर्मचारियों छंटनी नहीं की गयी है और वेतन कटौती के बारे में जनवरी में समीक्षा की जाएगी. सीईओ ने कहा कि विस्तारा अन्य एयरलाइन के साथ मिलकर सरकार के साथ कोविड-19 महामारी से प्रभावित विमानन उद्योग की समस्याओं के समाधान को लेकर बातचीत कर रही है.

कोरोना वायरस महामारी से पहले विस्तारा हर दिन 34 जगहों के लिये 200 से अधिक उड़ानों का परिचालन कर रही थी. विस्तारा के सीईओ थेंग ने पीटीआई -भाषा से कहा कि एयरलाइन फिलहाल 80 दैनिक उड़ानों का परिचालन कर रही है जिसे माह के अंत तक बढ़ाकर 100 किया जाएगा. उन्होंने ई-मेल के जरिये दिये साक्षात्कार में कहा कि घरेलू हवाई यात्रा शुरू होने के पहले कुछ सप्ताह में ज्यादातर दबी मांग देखने को मिली है. 

महामारी को काबू में करने के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ की वजह से घरेलू उड़ान सेवा 25 मार्च से 24 मई तक के लिये निलंबित थी. वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अभी भी लंबित हैं. कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें द्विपक्षीय समझौतों (एयर बबल एग्रीमेंट) के तहत परिचालित की जा रही हैं. इसके अलावा विमानन नियामक डीजीसीए की मंजूरी से कुछ उड़ानें भारतीय आकाश में परिचालन कर रही हैं. 

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मांग अब भी कोविड पूर्व स्तर की तुलना में कम है. लेकिन इसमें लगातार सुधार हो रहा है जो एक उत्साहजनक प्रवृत्ति है. कुछ मार्गों पर यातायात एक दिशात्मक है लेकिन हम देख रहे हैं कि खासकर बड़े महानगरों में मांग वापस पटरी पर आ रही है.’’ एयरलाइन पहले ही दिल्ली/मुंबई और दुबई तथा दिल्ली और लंदन के बीच विशेष उड़ानों का परिचालन शुरू कर चुकी है. थेंग ने कहा, ‘‘हम इसी प्रकार की उड़ानें पेरिस और फ्रैंकफर्ट के लिये शुरू करने पर गौर कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्षमता उपयोग को लेकर पाबंदी, अधिकतर मार्गों पर कम मांग और सीमाएं बंद होने जैसे विभिन्न कारणों को देखते हुए अल्पकाल में निश्चित रूप से स्थिति का असर क्षमता विस्तारा पर पड़ता है. हालांकि, ग्राहकों में लौटता भरोसा हमें उम्मीद देता है.’’

महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से हवाईअड्डा परिचालक समेत वैश्विक विमानन उद्योग को मांग में कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उड़ानों पर पाबंदी और आर्थिक बाधाओं के कारण के कुछ अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियां दिवालिया हो गयीं जबकि कई खराब वित्तीय स्थिति में हैं. भारतीय विमानन कंपनियां भी वित्तीय संकट में हैं. इसके कारण उन्होंने वेतन में कटौती और छंटनी की है. इस महीने की शुरुआत में नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारतीय विमानन कंपनियों ने ब्याज मुक्त 1.5 अरब डॉलर की ऋण सुविधा की मांग की है.

थेंग ने कहा, ‘‘विस्तारा अन्य एयरलाइन के साथ मिलकर सरकार के साथ कोविड-19 महामारी से प्रभावित विमानन उद्योग के लिये समाधान को लेकर बातचीत कर रही है और हम अनुकूल परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक विस्तारा का सवाल है, हमारे पास पर्याप्त कोष है हमारी मूल कंपनियां विस्तारा को लेकर प्रतिबद्ध हैं. उन्हें वृद्धि की रणनीति को लेकर भरोसा है.’’ विस्तारा टाटा और सिंगापुर एयरलाइन की संयुक्त उद्यम है.

रिपोर्ट के अनुसार विस्तारा का कर-पूर्व नुकसान 2019-20 में बढ़कर 1,814 करोड़ रुपये पहुंच गया जो 2018-19 में 831 करोड़ रुपये था. विस्तारा ने कोविड-19 संकट के कारण उत्पन्न चुनौतियों से पार पाने के लिये कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस कठिन समय से पार पाने के लिये हम ग्राहक सेवाओं को छोड़कर परिचालन व्यय में कटौती लाने के लिये कदम उठा रहे हैं और नकदी बचाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं. इन उपायों में भागीदारों, आपूर्तिकर्ताओं और पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों से विभिन्न अनुबंधों पर फिर से बातचीत शामिल हैं.

एक अन्य सवाल के जवाब में विस्तारा के सीईओ ने कहा कि हमने संकट के बावजूद 4,000 कर्मचारियों की संख्या में कोई छंटनी नहीं की है. वेतन कटौती के बारे में जनवरी में समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण नौकरियों में कोई कटौती नहीं की गयी है. कर्मचारी की संख्या पूर्व के स्तर पर करीब 4,000 बनी हुई है.’’ थेंग ने यह जरूर कहा कि अगले साल जनवरी में कर्मचारियों के वेतन में कटौती की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘विस्तारा में सभी नौकरियों को सुरक्षित रखने के इरादे से हमने कर्मचारियों के स्तर पर लागत में कमी लाने के लिये वेतन में कटौती का कठिन निर्णय किया था. यह कटौती दिसंबर, 2020 तक के लिये है और इसकी जनवरी 2021 में समीक्षा होगी.’’