नई दिल्ली :GST Council 44th Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 44वीं बैठक आज यानी 12 जून 2021 को हुई. जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. GST काउंसिल ने मंत्रियों के समूह (GOM) की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ब्लैक फंगस और कोरोना इलाज से जुड़े उपकरण और दवाइयों पर जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने को लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की सिफारिशों को जीएसटी काउंसिल ने स्वीकार कर लिया है. जीएसटी काउंसिल ने कोरोना वैक्सीन पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी जारी रखने का फैसला किया है. काउंसिल ने ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों Tocilizumab और Amphotericin B के ऊपर लगने वाली 5 फीसदी जीएसटी को शून्य कर दिया है.
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जीएसटी काउंसिल ने रेमडिसिविर (Remdesivir) के ऊपर लगने वाली जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन जेनरेटर पर लगने वाली जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. जीएसटी काउंसिल ने वेंटिलेटर, वेंटिलेटर माक्स, कोविड टेस्टिंग किट्स, पल्स ऑक्सीमीटर पर भी जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. वहीं हैंड सैनेटाइजर की जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी और टेंपरेचर चेक इक्विपमेंट पर लगने वाली जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है.
बता दें कि 28 मई को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में मास्क, पीपीई किट, टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर और वैक्सीन समेत कोविड-19 से जुड़ी जरूरी वस्तुओं पर GST में राहत देने के लिए मंत्रियों के एक समूह के गठन किया गया था. मंत्रियों के समूह (GOM) ने 7 जून को इसको लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को कहा था कि यूपी सरकार कोविड संबंधी आवश्यक वस्तुओं पर करों में कटौती करने के पक्ष में है. उनका कहना है कि राज्य सरकार जीएसटी काउंसिल के द्वारा लिए गए फैसले को स्वीकार करेगी. बता दें कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने GST काउंसिल की पिछली बैठक में कोरोना वैक्सीन, ऑक्सीजन सिलेंडर कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट, सैनिटाइजर, मास्क, टेस्टिंग किट आदि को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव रखा था. पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल और कई राज्यों ने यही प्रस्ताव रखा, लेकिन बीजेपी के कई वित्त मंत्रियों ने इसका विरोध भी किया था.