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इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के आतंकियों ने अफगान नेटवर्क के साथ मिलकर किया हमला, दो पुलिसकर्मी की मौत

 पाकिस्तान: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के पुंछ जिले के मुख्य शहर रावलकोट में हुसैन कोट के जंगलों में चले एक बड़े आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में चार आतंकियों को मार गिराया गया. इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जबकि डिप्टी एसपी अकमल शरीफ समेत आठ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. इस ऑपरेशन ने न सिर्फ पाकिस्तान के अंदर चल रहे आतंक नेटवर्क को उजागर किया है, बल्कि इस्लामाबाद की बदनाम लाल मस्जिद और अफगानिस्तान नेटवर्क से उनके रिश्तों की परतें भी खोल दी हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खुफिया इनपुट मिलने के बाद पुलिस और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) ने हुसैन कोट के जंगलों में एक अभियान शुरू किया. यहां आतंकियों के एक गुफा में छिपे होने की सूचना थी. ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका और फिर दोनों तरफ से भारी गोलीबारी शुरू हो गई. इसी दौरान आतंकी जर्नूश नसीम ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया. इससे पूरा इलाका दहल उठा. बाकी तीन आतंकी जिब्रान और दो अन्य भी मुठभेड़ में मारे गए.

हमलें में 2 पुलिसवालों की मौत, कई घायल
इस कार्रवाई में कांस्टेबल तारिक और गुलफराज की मौत हो गई, जबकि डीएसपी अकमल शरीफ समेत आठ अन्य अधिकारी घायल हुए. घायलों को तुरंत रावलकोट के शेख जायेद अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार, विस्फोट के बाद भी इलाके में काफी देर तक गोलियों की आवाजें आती रहीं.

आतंकी नेटवर्क का अफगान कनेक्शन
एसएसपी पुंछ रियाज मुगल ने बताया कि मारे गए सभी आतंकी प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान कश्मीर (TTK) से जुड़े थे और उन्हें अफगानिस्तान स्थित डॉ. रऊफ एंड कंपनी से समर्थन मिल रहा था. इन आतंकियों पर सज्जाद रेशम की हत्या का आरोप था. जानकारी के मुताबिक, यह समूह आजाद कश्मीर में घुसपैठ कर पुलिस स्टेशन या सैन्य ठिकाने पर हमला करने की योजना बना रहा था.

लाल मस्जिद से कैसे जुड़े तार?
इस नेटवर्क से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा मार्च में हुआ. जब आतंकवादी साकिब को आज़ाद पट्टन इलाके से गिरफ्तार किया गया. उसने वीडियो बयान में कबूल किया कि वह और उसके साथी सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले की योजना बना रहे थे. उसे इस काम के लिए फंड और हथियार भी मिले थे. शाकिब ने यह भी बताया कि उनके संबंध इस्लामाबाद की कुख्यात लाल मस्जिद और मौलाना अब्दुल अजीज से थे. इसी नेटवर्क में शामिल ग़ाज़ी शहज़ाद पहले रावलकोट जेल से फरार हो चुका था. मुठभेड़ और सुरक्षाबलों के घायल होने की जानकारी मिलते ही आजाद कश्मीर के प्रधानमंत्री और IG पुलिस मौके पर पहुंचे और घायलों से मुलाकात की. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेशन के बाद पूरा इलाका क्लियर कर लिया गया है और बाकी बचे आतंकियों या मददगारों की तलाश जारी है. यह कार्रवाई पाकिस्तान के भीतर छिपे आतंकी नेटवर्क और धार्मिक कट्टरता की जड़ों को एक बार फिर बेनकाब करती है.