राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को कहा कि इसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंजेलीजेंस (आईएसआई) के लिए काम करने वाले एक शख्स को गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार किया है।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि उन्होंने रविवार को उत्तर प्रदेश के एक रक्षा/आईएसआई मामले की जांच के सिलसिले में आरोपी व्यक्ति रजक भाई कुंभार को पश्चिम कच्छ से गिरफ्तार किया। एनआईए द्वारा उसके घर की तलाशी लेने के चार दिन बाद उसकी गिरफ्तारी की गई।
एनआईए के प्रवक्ता के अनुसार, कुंभार मुंद्रा डॉकयार्ड में सुपरवाइजर के रूप में काम करता था, जब उसे आईएसआई के लिए काम करते पाया गया। यह मामला उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के निवासी मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी से संबंधित है।
एनआईए ने इस साल 6 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी राशिद पाकिस्तान में रक्षा/आईएसआई संचालकों के संपर्क में था और दो बार पाकिस्तान का दौरा कर चुका था।
राशिद ने भारत के कुछ संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भी ट्रांसमिट की थीं और पाकिस्तान के आईएसआई संचालकों के साथ सशस्त्र बलों की गतिविधि के बारे में जानकारी साझा की थी।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि जांच में पता चला है कि कुंभार ने आईएसआई एजेंट के रूप में काम किया और पेटीएम के माध्यम से 5,000 रुपये की राशि एक शख्स रिजवान के खाते में ट्रांसफर की जिसे आगे मुख्य आरोपी राशिद को सौंप दिया गया। अधिकारी ने कहा, "यह राशि राशिद द्वारा आईएसआई एजेंटों को दी गई जानकारी के एवज में आईएसआई संचालकों के निर्देश पर रजकभाई कुंभार द्वारा राशिद को ट्रांसफर की गई।"
एनआईए ने 27 अगस्त को कुंभार के घर की तलाशी ली थी और कई दस्तावेजों को जब्त किया गया था।
एनआईए के प्रवक्ता के अनुसार, कुंभार मुंद्रा डॉकयार्ड में सुपरवाइजर के रूप में काम करता था, जब उसे आईएसआई के लिए काम करते पाया गया। यह मामला उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के निवासी मोहम्मद राशिद की गिरफ्तारी से संबंधित है।
एनआईए ने इस साल 6 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी राशिद पाकिस्तान में रक्षा/आईएसआई संचालकों के संपर्क में था और दो बार पाकिस्तान का दौरा कर चुका था।
राशिद ने भारत के कुछ संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भी ट्रांसमिट की थीं और पाकिस्तान के आईएसआई संचालकों के साथ सशस्त्र बलों की गतिविधि के बारे में जानकारी साझा की थी।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि जांच में पता चला है कि कुंभार ने आईएसआई एजेंट के रूप में काम किया और पेटीएम के माध्यम से 5,000 रुपये की राशि एक शख्स रिजवान के खाते में ट्रांसफर की जिसे आगे मुख्य आरोपी राशिद को सौंप दिया गया। अधिकारी ने कहा, "यह राशि राशिद द्वारा आईएसआई एजेंटों को दी गई जानकारी के एवज में आईएसआई संचालकों के निर्देश पर रजकभाई कुंभार द्वारा राशिद को ट्रांसफर की गई।"
एनआईए ने 27 अगस्त को कुंभार के घर की तलाशी ली थी और कई दस्तावेजों को जब्त किया गया था।